Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
अब तक इस मामले में सरकारी वकील के तौर पर बृजेश्वर चट्टोपाध्याय पक्ष रख रहे थे, लेकिन अब उनकी जगह सुदीप्ति सन्याल ने जिम्मेदारी संभाल ली है।
कोलकाता। कृष्णनगर में युवती की मौत के मामले में पहले ही जांच अधिकारी को बदल दिया गया था और अब राज्य सरकार ने सरकारी वकील को भी बदल दिया है। अब तक इस मामले में सरकारी वकील के तौर पर बृजेश्वर चट्टोपाध्याय पक्ष रख रहे थे, लेकिन अब उनकी जगह सुदीप्ति सन्याल ने जिम्मेदारी संभाल ली है।
अदालत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकारी वकील के बदलाव का यह फैसला विभागीय निर्देश के तहत लिया गया है। हालांकि, इसके पीछे की वजह को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। सरकारी सूत्रों का मानना है कि आरजी कर मामले के बाद इस ‘रहस्यमयी मौत’ पर ध्यान बढ़ गया है, जिससे यह मामला संवेदनशील बन चुका है। युवती के परिवार ने शुरुआत से ही आरोप लगाया कि उनकी बेटी का पहले बलात्कार किया गया और फिर हत्या कर दी गई, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ऐसा कोई संकेत नहीं मिला। रिपोर्ट में बताया गया है कि युवती की मौत जलने से हुई है। मामले की जांच में किसी भी तरह की प्रशासनिक चूक के आरोप न लगें, इसके लिए सरकारी वकील को बदल दिया गया है। राज्य सरकार ने भविष्य में हाई कोर्ट में संभावित मुकदमों की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए एक अनुभवी वकील, सुदीप्ति सन्याल को नियुक्त किया है।
वहीं, सरकारी वकील के बदलाव से आरोपित युवक का परिवार संतुष्ट नहीं है। आरोपित की मां ने कहा, "सिर्फ संदेह के आधार पर मेरे बेटे को आरोपित बनाया गया है। वकील बदलने से कानून नहीं बदलेगा। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।"
बुधवार को आरोपित युवक को सात दिन की पुलिस हिरासत के बाद अदालत में पेश किया गया। सरकारी वकील सुदीप्ति सन्याल ने अदालत में बताया था कि इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। फॉरेंसिक, केमिकल, हिस्टोपैथोलॉजी, और पदार्थ विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने कई बार घटनास्थल का दौरा किया है और कई नमूने इकट्ठा किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है।
वहीं, आरोपित के वकील ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या का कोई जिक्र नहीं है, इसलिए आरोपित के खिलाफ मामला आधारहीन है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कृष्णनगर जिला अदालत के मुख्य सत्र न्यायाधीश संजय चौधरी ने आरोपित की पांच दिन की पुलिस हिरासत मंजूर की।